भारत में अब तक की महामारियाँ
महामारियों का इतिहास
(History-of-pandemic)
तो आज कोरोना यानी covid19 के नाम से कोई भी अपरिचित नहीं है क्योकि इस वायरस ने पूरी दुनिया में हा हा कार मचा रखा है रोज सैकड़ो लोग मौत के आगोश में समाते जा रहे है लोग अपनों को तडफ तडफ कर मरते देखने को मजबूर है विश्व के अधिकांश देशो ने इसे महामारी घोषित कर दिया है भारत ने भी स्वीकार कर लिया है की यह एक महामारी है जिसका इलाज संभव नहीं है केवल बचाव के उपाय किये जा सकते है कोरोना महामारी दुनियां में आने वाली पहली इकलोती महामारी नहीं है दुनिया ने और भारत ने इससे पहले भी कई महामारियों से अपनों को खोया है बहुत से लोगो को मालूम नहीं होगा की भारत में इससे पहले कब कब महामारी आई थी तो आज इस आर्टिकल में हम पिछली एक सदी से भारत ने कितनी महामारियो को कब कब सहा है पूरी जानकारी शोर्ट में आपको शेयर करने का प्रयास कर रहे है आशा है यह जानकारी आपके ज्ञान वर्धन के लिए उपयोगी होगी ।
तो आइये शुरू करते है
पैनडेमिक ऐसी महामारी या बीमारी को कहा जाता है जो एक ही समय
दुनिया के अलग-अलग देशों में लोगों में फैल रही हो.
उस समय प्लेग अपने पूर्ण भयंकर रूप में आ
चूका था प्लेग होने पर शुरुआत में लोगो की आँखे लाल हो जाती थी फिर तेज भयंकर सिरदर्द
शरीर में असहनीय खुजली और बुखार आता था दो से दिन दिनों में संक्रमितों व्यक्ति के
मुंह से खांसी से साथ खून आने लगता और पेट में भयंकर दर्द होने लगता था और संक्रमित
व्यक्ति 7-8 दिन में मर जाता था यदि कोई व्यक्ति इस
बीमारी से संक्रमित होने के बाद बच भी जाता तो वो जिंदगी भर के लिए लकवाग्रस्त हो जाता
या फिर कोमा में चला
जाता इतिहास बताता है की प्लेग से हजारो लोग नेत्रहीन भी हो गए।” प्लेग पर
पुस्तक लिखने वाले लेखक दामिर लिखते हैं, “यह महामारी
क्यों फैली, इसका कोई स्पष्ट कारण पता नहीं चला वैज्ञानिकों
का मानना है कि शायद इबोला वायरस इसका कारण था क्योंकि इस वायरस के कारण खुनी बुखार
आता है।
इस बीमारी से
संक्रमित व्यक्तियों का इतना बुरा हाल हो जाता था जिन मरीजों को तेज बुखार आता था
वो अपने कपड़ो को पूरा खोल देते थे संक्रमित लोग निर्वस्त्र रहने लगे क्योंकि कपड़े
त्वचा को स्पर्श करते थे तो बहुत पीड़ा होती थी बहुत सारे लोग दिन भर पानी में डूबे
रहते थे ” इस बीमारी के बारे में लेखक ने पूरी किताब
लिखी है मगर अभी हमें और भी बीमारियों के बारे में जानना है तो प्लेग दुनिया की पहली
महामारी थी जिसे काबू करना असम्भव सा हो गया था ।
अब यदि भारत की बात करे तो
1817 में विब्रियो
कोलेरा नाम के बैक्टीरिया के कारण पुरे विश्व को हैजा की महामारी का सामना करना
पड़ा था फैलते फैलते बैक्टीरिया यह बांग्लादेश और भारत में भी आ पहुंचा इस बीमारी
का केंद्र कोलकत्ता था क्योकि कोलकाता में खराब जल संचय प्रणाली ने इस बीमारी को
पुरे देश में फैला दिया था ।
वर्ष 1915 से वर्ष 1926 के बीच भारत में एक बीमारी आई इंसे फेलाइटिस लेथार्गिका यह
भी एक पैनडेमिक थी यानी की पूरी दुनिया में तेजी से फेल रही थी एन्सेफलाइटिस कोरोना से भी तेज गति से फैलने वाली संक्रामक बीमारी थी यह भी वायरस जनित बीमारी थी इस बीमारी
का वायरस इन्सान केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर हमला करता था जब कोई व्यक्ति इस
बीमारी से संक्रमित हो जाता था तो ऐसा व्यक्ति दिन भर उदासीनता, उनींदापन
और सुस्ती में रहता था पूरी तरह से इनक्टिव हो जाता था यह बीमारी भी कोरोना की तरह
ही नाक और मुहं से फैलती थी इंसेफेलाइटिस लेथार्गिका यूरोप में एक भयंकर महामारी का
रूप ले चूका था मगर इस बीमारी के मामले में भारत खुश किस्मत था की इस बीमारी का
यहाँ प्रभाव इतना अधिक नहीं था ।
जिस प्रकार अभी कोरोना के साथ साथ ब्लैक फंगस भी आ गया ठीक
इसी तरह अभी दुनिया एन्सेफलाइटिस लेथर्जिका का तोड़ भी नहीं निकाल पा रही थी की एक
नया वायरस और फैलने लगा ‘स्पेनिश फ्लू’ यह एवियन इन्फ्लूएंजा के घातक
स्ट्रेन के कारण शुरू हुआ और प्रथम विश्व युद्ध के कारण पूरी दुनिया में फैलने
लगा था भारत भी इससे अछुता नहीं रहा भारत में भी यह बीमारी उन सैनिक के साथ आ गयी जो प्रथम विश्व युद्ध में
लड़ाई लड़ने गये थे.
1968 में
एक वायरस आया था फ्लू इन्फ्लूएंजा ए, इस वायरस के H3N2 स्ट्रेन के
कारण सबसे पहले यह हांगकांग में फैला और मात्र दो महीने के भीतर भारत में आ गया
मगर यह बीमारी ज्यादा लम्बी नहीं चली ।
चेचक महामारी Smallpox Epidemic)
इसके बाद भारत को चेचक जैसी बीमारी से जूझना पड़ा वर्ष 1974 में चेचक के दो वायरस वेरिएंट पाए गए वैरियोला मेजर या वेरोला माइनर वैसे चेचक उस समय पूरी दुनिया में फ़ैल चूका था मगर विश्व में चेचक के 60% मामले भारत में रिपोर्ट किए गए थे और भारत के वायरस की खास बात यह थी की यह वायरस दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में अधिक विषैले थे इस खतरनाक बीमारी से सम्पूर्ण छुटकारा पाने के लिए भारत में राष्ट्रीय चेचक उन्मूलन कार्यक्रम शुरू किया गया लेकिन यह प्रयास फेल हो गया तीन वर्षो बाद मार्च 1977 में भारत चेचक से मुक्त हुआ ।
प्लेग (Plague )
इसके बाद आई सोर्स यह बीमारी 21वीं सदी की पहली गंभीर बीमारी थी सोर्स भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने वाली बीमारी थी कोरोना की तरह यह भी एक गंभीर और साँस से जुडी बीमारी थी यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसी और छींकने के माध्यम से फैलता था ।
डेंगू और चिकनगुनिया
(Dengue and Chikungunya)
इसके बाद जानलेवा बीमारी स्वाइन फ्लू आया
देश में कई परिवारों ने इस बीमारी में अपनों को खो दिया 2014 के अंतिम महीनों के दौरान, H1N1 वायरस आग की तरह फैलने लगा स्वाइन फ्लू एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा वायरस है जो अभी भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है हाँ वो बात अलग है की आज हर बुखार में मलेरिया डेंगू चिकनगुनिया और स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों की जांच नहीं की जा रही है हर बुखार आज कोरोना ही माना जा रहा है तो कई सार्वजनिक जागरूकता अभियान चलने के बाद भी देश भर में लगभग हजारो लोगो ने स्वाइन फ्लू से अपनी जान गंवाई है
मई 2018 में, केरल में चमगादड़ों के कारण निपाह वायरस का संक्रमण शुरू हुआ था यह वायरस भी पुरे भारत में फ़ैल सकता मगर शुरूआती दौर में ही व्यापक प्रसार से इसे कुछ दिनों में ही काबू में ले लिया गया
इन सबके अलावा
पोलियो छोटे बच्चों को प्रभावित करने वाली महामारी बीमारी रही है.
इबोला (वर्ष 1976 से)
रेबीज़
एचआईवी
स्माल पाक्स/चेचक
हंता वायरस भी कुछ ऐसी जानलेवा वायरस जनित बीमारियाँ है जिन्होंने पूरी दुनिया में अपनी धूम मचा रखी है यदि आप कहेंगे तो इन पर भी अलग से एक आर्टिकल लिखा जा सकता है
और अब
Corona - Covid 19
वर्ष 2019 कोरोना वायरस
यानी COVID-19 किसी पहचान का मोहताज नहीं है यह
सांसो की एक नयी बीमारी है जो 2019 में
शुरू हुई थी अभी तेजी से फ़ैल रही है इसका वायरस सीधा फेफड़ो पर अटैक करता है संक्रमण
के सामान्य लक्षणों में साँस लेने में दिक्कत होना बुखार, खांसी, जुकाम आदि है रोग के गंभीर मामलों में, संक्रमण निमोनिया का रूप ले लेता है और समय पर सही इलाज ना हो पाने पर यह वायरस हजारो लोगो की मृत्यु
का कारण बन चूका हैये थी बीमारियों के इतिहास की बात और यदि हमने सावधानी नहीं रखी तो हम भी इतिहास की बात हो जायेंगे इस बीमारी का एक ही इलाज है की कुछ दिनों तक खुद को घर में रखे तडफ तडफ कर मरने से अच्छा है की घर में मौज करे
आगे आप खुद समझदार है
जय श्री राम जय हनुमान
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