बाबा रामदेव कौन है बाबा रामदेव का असली नाम क्या है
बाबा रामदेव की जीवनी संक्षेप में
स्वामी रामदेव
जीवनी - Biography of Ramdev in Hindi Jivani
अभी कोरोना काल में बाबा रामदेव अपने बयानो को लेकर काफी विवादों में घिरे हुए है Allopathic vs. Ayurveda का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है ऐसे में बाबा रामदेव के लाखो सर्मथक भी सोशल मीडिया पर बाबा रामदेव को सही ठहराने में अपना अपना पक्ष रख रहे है और बहुत से समर्थक यह भी जानने का प्रयास कर रहे है की देश में आयुर्वेद और योग को प्राथमिकता देने वाले स्वदेशी के कट्टर समर्थक बाबा रामदेव आखिर है कौन इनका क्या इतिहास है ये कहाँ से आये है इनका भूतकाल क्या रहा यह सब जानने के उत्सुक है चलिए तो फिर जान लेते है बाबा रामदेव की बचपन से लेकर अब तक की कहानी
बाबा रामदेव का जन्म कब और कहा हुआ माता पिता का नाम
तो बाबा रामदेव जी मूल रूप से
हरियाणा के रहने वाले है इनका जन्म 26 दिसम्बर 1965 में हरियाणा में जिला महेंद्रगढ़ सैद अलीपुर गांव में
हुआ था । जब रामदेव जी का जन्म हुआ तो इनके पिताजी श्री रामनिवास जी और माता गुलाब
देवी ने इनका नाम राम कृष्ण रखा यादव तो बाबा रामदेव का पूरा नाम राम कृष्ण यादव है ।
बाबा रामदेव की शिक्षा कहा हुई
रामकृष्ण यानी रामदेव जब छोटे थे
तो उनके गांव में एक योगी महाराज आए ना जाने क्यों रामदेव जी के तार उन योगी बाबा
से जुड़ने लगे वो रोजाना उनके पास जाने लगे और उनके सानिध्य में रहकर रामकृष्ण मन
योग सीखने लगे और धीरे धीरे राम कृष्ण का रुझान वैदिक शिक्षा की और बढ़ने लगा वो
चाहते थे की उनकी शिक्षा गुरुकुल में हो मगर शायद घर वाले तैयार ना थे, तो एक दिन
राम कृष्ण जी घर से भाग निकले और पहुच गए गुरुकुल में ।
राम कृष्ण को तो बस गुरुकुल में
शिक्षा लेनी थी मगर एक गुरुकुल से दुसरे गुरुकुल चक्कर लगाते हुए उन्होंने कई
गुरुकुल छान मारे मगर कही भी उन्हें प्रवेश नहीं मिला ।
राम कृष्ण बचपन से ही दृढ
निश्चयी थे एक बार जो सोच लिया सो सोच लिया की बस पढाई तो गुरुकुल में ही करनी है अंत
में वो पहुचे हरियाणा के खानपुर गुरुकुल
में जहां उन्हें प्रवेश मिल गया और फिर वही से उन्होंने गुरुकुल शिक्षा पद्धति से
शिक्षा पूर्ण की ।
अब उन्हें जैसे तैसे गुरुकुल में प्रवेश मिल गया तो
उनके माता पिता उन्हें ढूंढते ढूंढते उस गुरुकुल तक भी
पहुच गए राम कृष्ण से कहा घर चलो मगर राम कृष्ण यानी की रामदेव ने स्पष्ट मना कर
दिया ।
बाबा रामदेव कहा तक कितने पढ़े लिखे है
तो गुरुकुल जाकर उन्होंने धर्म, वेद, योग और साहित्य के बारे में गहन अध्ययन किया इसके बाद
वे हरिद्वार आ गए वहां उन्होंने कांगरी विश्वविद्यालय एवं गुरुकुल में प्राचीन
भारतीय शास्त्र का ज्ञान लिया
सन्यासी बन गए बाबा रामदेव पढाई के बाद
चलो पढाई तो पूरी हो गयी अब क्या
करे तो पढाई पूरी हो जाने के बाद राम कृष्ण ने ये दुनिया दारी छोड़ छाड़ कर सन्यास
ले लिया और उसी दिन से रामकृष्ण बाबा रामदेव बन गए यानी की सन्यासी बनने के बाद
राम कृष्ण ने अपना नाम बदल कर रामदेव रख लिया जैसी की हमको जानकारी मिली है इसके
बाद बाबा रामदेव हिमालय चले गए और वहां कई वर्षो तक तपस्या की फिर बाद वे हरिद्वार
में आ गए इसके बाद बाबा रामदेव ने स्वामी शंकरदेव जी महाराज से दीक्षा ली और बाबा
राम देव से स्वामी रामदेव बन गए फिर वो योग, ध्यान को समर्पित हो बाबा रामदेव ने हरिद्वार में ही अपना एक गुरुकुल शुरू
कर लिया और लोगों को योग शिक्षा देने लगे.
बाबा रामदेव और आचार्य बाल कृष्ण की मुलाक़ात
वर्ष 1990 में बाबा रामदेव की मुलाकात आचार्य बालकृष्ण से हुई और के बीच दोस्ती हो गयी गुरुकुल से शिक्षा ग्रहण करने के बाद बाबा और बालकृष्ण जी हिमालय में योग के साथ साथ आयुर्वेद का लाभ भी जन जान तक पहुचने का निश्चय किया बस फिर क्या था हरिद्वार के कृपालु आश्रम में 10 नवंबर 1994 में बाबा रामदेव व आचार्य बालकृष्ण ने मिलकर एक चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना कर दी और यही पर बाबा रामदेव योग के कैंप लगाने लगे और आयुर्वेदिक पद्धति से लोगों की मुफ्त चिकित्सा करने लगे ।
बाबा रामदेव द्वारा जन जन तक योग पहुचने का अभियान
अब बाबा रामदेव योग को जन जन तक
पहुचना चाहते थे तो इनका योग का सीधा प्रसारण आस्था चैनल पर शुरू कर दिया गया ये
प्रोग्राम रोजना सुबह 5 बजे आया करता है अब उन लोगो को
भी योग का फायदा मिलने लगा जो हरिद्वार नहीं जा सकते थे अब लोग घर पर ही टीवी के
आगे बैठेकर योग करने लगे और बाबा रामदेव की प्रसिधी गुरुकुल और आश्रम से निकल कर
घर गहर पहुचने लगी ।
बाबा रामदेव की सबसे बड़ी उपलब्धि
बाबा रामदेव जी योग के प्रति
लोगो को जागरूक करने लगे और उनका यह प्रोग्राम पूरी दुनिया में देखे जाने लगा और
लोग योग को स्वीकार करने लगे जब पूरी दुनिया ने मान लिया की योग में दम तो है 21 जून को अन्तराष्ट्रीय योग दिवस घोषित कर दिया गया जिसे पूरी दुनिया ने स्वीकार कर लिया
यह बाबा जी की सबसे बड़ी उपलब्धि थी ।
पतंजलि आयुर्वेद कम्पनी की स्थापना
आयुर्वेद की कमान आचार्य बाल
कृष्ण ने संभाल ली वर्ष 2006 में पतंजलि
आयुर्वेद की स्थापना की गई पतंजलि कम्पनी ने दैनिक जीवन में आने वाली सारी चीजे बनाना शुरू
कर दिया साबुन टूथ पेस्ट , बिस्किट, चोकलेट,
शैम्पू, आचार, पापड़, मुरब्बा,
पेय पदार्थ और ना जाने क्या क्या विदेशी कम्पनिया परेशान हो
गयी....
और आगे क्या हो रहा अब आपको
बताने की जरूरत नहीं है आप खुद समझदार है बाबा जी की जीवनी तो आपको पता चल ही गयी
खैर जो भी आप क्या कहते है बाबा
जी सही कर रहे है या
कमेंट कीजिये
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
F&Q
Q1. बाबा रामदेव कौन बिरादरी है ?
Ans. बाबा रामदेव यादब समाज से है
Q2. बाबा रामदेव की जन्म तारीख क्या है?
Ans. बाबा रामदेव का जन्म 26 दिसम्बर 1965 को हरियाणा
में हुआ था ।
Q3. रामदेव का पूरा नाम क्या है?
Ans. बाबा रामदेव का पूरा नाम
रामकृष्ण यादव है ।
Q4. बाबा रामदेव के गांव का नाम क्या
है?
Ans. बाबा रामदेव के गाँव का नाम सैद अलीपुर गांव है
जो हरियाणा में है ।
Q4. रामदेव बाबा कौन सी जाति के थे?
Ans. बाबा रामदेव यादव जाति के है ।
✍: Narendra Agarwal ✍
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