खाटू श्याम बाबा फाल्गुन मेला लक्खी मेला 2023 कब भरेगा
श्याम बाबा मेला 2023
कलयुग में खाटू श्याम जी के चमत्कार
बढ़ते ही जा रहे है इसीलिए खाटू श्याम बाबा को कलयुग का अवतारी कहा जाता है बाबा
श्याम हारे हुए व्यक्ति का एकमात्र सहारा है इसीलिए बाबा श्याम को हारे का सहारा
कहते है । महभारत काल में घटोत्कच के पुत्र और महाबली भीम के पौत्र बर्बरीक ने भगवान श्री कृष्ण को हँसते हँसते अपने ही हाथो से अपने शीश को काट कर अपने शीश का
दान कर दिया था यही बर्बरीक भगवन श्री कृष्ण के वरदान से कलयुग में श्याम बाबा के
रूप में प्रकट हुए कलयुग में बर्बरीक का शीश खाटू नगरी में अवतरित हुआ इसीलिए ये
खाटू श्याम बाबा कहलाये पूरी दुनिया खाटू श्याम बाबा को शीश के दानी के नाम से पुजती
है ।
तो बर्बरीक के शीश के बलिदान करने पर
श्रीकृष्ण बेहद प्रसन्न हुए और भगवान श्री कृष्ण ने बर्बरीक को अपना सबसे प्रिय नाम श्याम नाम दे दिया
और अपनी सभी शक्तिया बर्बरीक के शीश को देते हुए वरदान दिया की कलयुग में हर घर
में उनके इसी शीश की पूजा होगी और उनका शीश कभी समाप्त नहीं होगा । जिस दिन मौरवी
नंदन (मौरवी श्याम बाबा यानी बर्बरीक की माता का नाम है) बर्बरीक द्वारा अपने शीश
का दान दिया गया वो दिन फाल्गुन माह की द्वादशी का दिन था यही कारण है की फाल्गुन
माह में शुक्ल पक्ष में सीकर जिले की खाटू नगरी में श्याम बाबा का भव्य मेला का
भारत है यह मेला षष्ठी से द्वादशी तक लगभग 8 दिनों
के लिये आयोजित होता है । कार्तिक एकादशी को श्रीखाटूश्याम जी का जन्मोत्सव मनाया
जाता है ।
फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की छठ से
बाहरस तक 8 दिनों के लिये खाटू में श्याम बाबा
का भव्य मेला आयोजित होता है और इस मेले में लाखों की संख्या में भक्त शामिल होकर
श्याम बाबा की भक्ति अराधना एवं भजन संध्या आदि करते हैं कई भक्त तो मेले में आते
है और होली तक यही पर रूकते हैं और फिर होली के दिन बाबाश्याम के संग होली खेलकर
अपने घर प्रस्थान करते हैं।
खाटूनगरी में लाखो भक्तो के आने के कारण यहाँ भक्तो के ठहरने के
लिए बहुत सारी धर्मशालायें गाड़ी पार्क करने के लिए उचित पार्किंग और होटलों की भी
व्यवस्था है ।
मेले में आने वाले कई भक्त रिंग्स से
पैदल निशान यात्रा भी करते है यदि आप निशान यात्रा क्या है कैसे की जाती है की
पूरी जानकारी चाहते है तो इसके लिए हमने अलग से विडियो बनाया हुआ है जिसे आप देख
सकते है विडियो देखने के लिए क्लिक करे । निशान यात्रा रिंगस से शुरू की जाती है
लोग बाबा के ध्वज जिसे निशान कहा जाता है लहराते हुए फेहराते हुए पैदल पैदल रिंग्स
से ही बाबा के धाम खाटू नगरी जाते हैं । निशान यात्रा में खाटूश्याम जी का
ध्वजा/नारियल के साथ-साथ बाबा जी की झांकी निकली जाती है झांकिया ढोल धमाको बैण्ड
बाजे के साथ निकाली जाती है ।
चलिए अब आपको इस वर्ष में मेला कब
शुरू होगा क्या क्या व्यवस्था की गयी है आपको कैसे इस मेले में भाग लेना है क्या
क्या सावधानी रखनी है इसकी जानकरी भी शेयर करते है राजस्थान के सीकर जिले के खाटू
नगरी में खाटूश्यामजी के सबसे प्रसिद्ध मंदिर में श्याम बाबा का यह मेला भरता है
जिसे लक्खी मेला कहा जाता है इस बार लक्खी
मेला 22 फरवरी 2023 से शुरू होगा जो 06 मार्च तक चलेगा । यह मेला स्थानीय जिला प्रशासन और खाटूधाम
समिति के संयुक्त प्रयास और सहयोग से आयोजित किया जाता है सीकर जिला प्रशासन ने
खाटू मेला 2023 को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं ।
खाटू श्याम के मेले में ध्यान रखने वाली खास बाते
देखिये जैसा की हर वर्ष श्याम भक्त श्याम बाबा का निशान यानी श्याम ध्वज को रिंग्स से मंदिर तक ले जाते थे उसमे थोडा बदलाव किया गया है इस बार मंदिर समिति ने नए निर्देश जारी किए है जिसके अनुसार अब कोई भी भक्त अपने निशान को मुख्या मंदिर तक नहीं ले जा पायेगा क्योकि भक्तो के निशान को लखदातार मैदान के पास में की इक्कठे किये जाएंगे ।
मेले की पूरी जानकारी भक्तों को माइक से दी जाएगी चूँकि गर्मी तेज
होने लगी है इसलिए इस बार भक्तो के लिए कतार में खड़े भक्तों को लाइन में ही पीने
के पानी की व्यवस्था की जाएगी अब भक्तों पानी पपीने के लिए कतार से निकलने की जरूरत
नहीं होगी ।
हर वर्ष की तरह खाटू मेले में पार्किंग व्यवस्था निशुल्क रहेगी।
मेले में भक्तो के दर्शनों के लिए
बाबा श्याम का दरबार 24 घंटे खुला रहेगा । यह व्यवस्था पहले
की तरह है। इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है । भीड़ को नियंत्रित करने के लिए
भगदड़ आदि से बचने और सुरक्षित दर्शनों के लिए भक्तो को जिग जैग होते हुए
बेरिकेटिंग से गुजरना होगा और भक्तो को बाबा के दर्शनों के लिए लगभग 16 किलोमीटर लंबी पार करनी पड़ेगी ।
खाटू
श्याम बाबा और फाल्गुन मेले से जुड़े प्रश्न और उत्तर
1. खाटू
श्याम मेला कहा भरता है ?
उत्तर
: खाटू
श्याम मेला जिसे फाल्गुन मेला और लक्खी मेला भी कहते है राजस्थान के सीकर जिले की
पवित्र खाटू नगरी में भरता है जहाँ श्याम बाबा का शीश अवतरित हुआ था ।
2. खाटू श्याम बाबा का लक्खी मेला कब भारता
है और मेले का मुख्य दिन कब होता है ?
उत्तर
: खाटू
श्याम बाबा का लक्खी मेला जिसे फाल्गुन मेला बाबा भी कहते है खाटूश्याम जी का
मुख्य मेला है जो प्रतिवर्ष फागुन के महीने में शुक्ल पक्ष में भरा जाता है फाल्गुन
मास लगभग फरवरी या मार्च में आता है मेला शुक्ल पक्ष की छठ से बारस तक कुल 8 दिनों
के लिये आयोजित किया जाता है लेकिन फाल्गुन मास की शुक्ल ग्यारस मेले का मुख्य दिन
माना जाता है ।
3. खाटू श्याम लक्खी मेला में पार्किंग और
ठहरने की व्यवस्था हो जाती है क्या ?
उत्तर
: खाटू
श्याम मेला एक विशाल मेला होता है जिसमे देश-विदेश से लोग भाग लेते है मेले में आने
वाले सभी श्रद्धालुओं के भक्तों की लाखों की संख्या को देखते हुये प्रशासन की तरफ सभी
तरह की उचित व्यवस्था की जाती है खाटूनगरी में बहुत सारी धर्मशालायें है बहुत बड़ा पार्किंग
स्थल है और होटलों की भी कोई कमी नहीं है खाने पीने के लिए लोग यहाँ मेले के दौरान
भंडारा भी लगाते है ।
✍: Narendra Agarwal ✍
खाटू श्याम बाबा मेला 2023 विडियो देखे
खाटू नगरी में श्याम बाबा के शीश के प्रकट होने की शीश के अवतरित अवतरण होने की कहानी
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