लेटेन्ट (Latent TB) क्या है कैसे पता चले की आप गुप्त टीबी के रोगी है लैटेन्ट टीबी (Latent TB) कारन लक्षण और जांच इलाज

Latent TB  Tuberculosis - Symptoms and causes and Treatment
लैटेन्ट टीबी (Latent TB)  क्या है कैसे पता चले की आप गुप्त टीबी के रोगी है लैटेन्ट टीबी (Latent TB)  कारन लक्षण और जांच इलाज

लेटेन्ट टी. बी.  किसी को भी हो सकती है देखिये दोस्तों मुख्य रूप से टीबी Tuberclosis को हम दो भागो में बाँट कर देख सकते है यानी टीबी यानी की तपेदिक या फिर क्षय रोग की बीमारी मोटे मोटे तौर पर शरीर में दो तरह की हो सकती है एक ऐसा रोगी जिसे टीबी की परेशानी है टीबी की तकलीफ है उसे खुद भी महसूस हो रही है और जांच करने पर टीबी का पता चल भी गया है ऐसी टीबी को एक्टिव टीबी कहा जाता है और इसका इलाज पूरी तरह से हो सकता है ।

 लेटेन्ट टीबी क्या है 


आगे बढ़ने से पहले अच्छा यह टीबी होती कैसे है यह जान लेते है तो सुनो टीबी रोग का पाना एक बेक्टेरिया एक जीवाणु होता है टीबी के बेक्टेरिया का नाम है माइकोबैक्टीरियम तो यह माइकोबैक्टीरियम नाम का जो जीवाणु है जब किसी के शरीर में प्रवेश कर जाता है तो यही ट्यूबर्क्युलोसिस रोग को पैदा करता है इसी बेक्टेरिया के कारण तपेदिक या क्षय रोग होता है जिसे हम (T.B.) कहते है । यह एक बहुत ही खतरनाक जीवाणु है जो किसी भी स्तनधारी प्राणी के फेफड़ों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है इसीलिए फेफड़ो की टीबी के रोगी सबसे ज्यादा है ।

 

तो जब किसी व्यक्ति को टीबी से जुडी परेशानी होती है और वो जाँच करता है तो टीबी की बीमारी सामने आ जाती है और ऐसी टीबी एक्टिव टीबी कहलाती है, लेकिन कई बार ऐसा भी होता है की यह खतरनाक बेक्टेरिया किसी व्यक्ति के शरीर में चुपचाप अपना घर बना लेता है और आराम से चद्दर ओढ़ कर सो जाता है अभी परेशान नहीं कर रहा है बस शरीर में बैठ कर अपनी संख्या बढ़ा रहा है तो यह स्थिति और अधिक खतरनाक हो जाती है और इस प्रकार का व्यक्ति टीबी का रोगी तो बन जाता है लेकिन ऐसे व्यक्ति को खुद ही पता नहीं होता है की उसे टीबी जैसा भयंकर रोग हो चूका है तो ऐसी टीबी को लेटेंट टीबी कहते है यानी की गुप्त टीबी या छुपी हुयी टीबी की बीमारी ।

 

Latent TB cause and symptoms

तो आप समझ गए होंगे की टीबी का खतरनाक बैक्टीरिया आपको बीमार किए बिना भी आपके शरीर में रह सकता हैं और जब यह किसी को बिना बीमार किये रहता है तो इसे ही गुप्त टीबी संक्रमण कहा जाता है। हमसे से ज्यादातर लोग जो टीबी के बैक्टीरिया वाले वतावरण में सांस लेते हैं और जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है फिर भी वो टीबी के जीवाणु से संक्रमित हो जाते हैं लेकिन उनका शरीर उन्हें बढ़ने से रोकने के लिए और इस बैक्टीरिया से लड़ने में सक्षम होता है । कई लोग जो लेटेन्ट टीबी से संक्रमित होते है टीबी के जीवाणु उन्हें बिना रोग पैदा किए उनकी पुरे जीवन भर निष्क्रिय भी रह सकते है लेकिन ऐसे खुशनशीब लोग कम ही होते है ।

 

लेटेन्ट टीबी कब एक्टिव टीबी बन जाती है 


अन्य लोगों में जिनकी रोग प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है ऐसे लोगो की लेटेन्ट टीबी एक्टिव टीवी में बदलने लगती है तो यदि आपका इम्यून सिस्टम मजबूत है तो यह आपको तपेदिक (Tuberculosis Meaning in Hindi) के बैक्टीरिया से से बचा सकता है लेकिन यही आपका शरीर कमजोर है अगर आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है तो फिर टीबी का बेक्टेरिया आपके शरीर पर हावी होने लगता है ऐसे लोग जिन्हें कई बीमारियां है या वो कई प्रकार की दवाएं ले रहे है ऐसे लोगो की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है जिन लोगो में एचआईवी / एड्स होता ही सुगर मधुमेह की बीमारी है या गंभीर किडनी की बीमारी से ग्रसित है कुछ तरह के कैंसर के उपचार के लिए ली गयी कीमोथेरेपी या फिर ऑर्गन ट्रांसप्लांट के समय दी जाने वाली दवाएं गठिया, क्रोन की बीमारी और सोरायसिस का इलाज करने के लिए ली गयी दवाये या फिर कुपोषण या मालन्यूट्रिशन के शिकार लोगो की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है । ऐसे लोगो में टीबी का यह  बैक्टीरिया धीरे धीरे सक्रिय होने लगता है और फिर यह अपने आप को जोड़ता नहीं गुणा करने लगता है और फिर ऐसा गुप्त टीबी का रोगी एक्टिव टीबी का रोगी बन जाता है ।

 

तो आप समझ गए होंगे की एक्टिव टीबी में टीबी के लक्षण सामने आने लगते है लेकिन लेटेंट टीबी में लक्षण सामने नहीं आते रोगी भी मस्त और बेक्टेरिया भी मस्त लेकिन यह बेक्टेरिया रोगी के शरीर में छुप कर धीमी गति से अपने आप को बढ़ाना शुरू करते है लेटेंट टीबी के बैक्टीरिया बहुत ही धीमी रफ्तार से बढ़ते हैं इसलिए यह बेक्टेरियां एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलते है क्योकि ऐसे रोगी को ना तो खांसी होती है और ना ही टीबी का अन्य कोई लक्षण ही दिखाई देता है ।

 

और फिर यह लेटेंट टीबी धीरे धीरे अपना विकराल रूप धारण करने लगती है तब रोगी को लक्षण नजर आते है ऐसे में रोगी तो  तेज बुखार, खांसी, जुकाम होती है  रात में सोते हुए भी पसीना आते है और  अचानक वजन कम होने लगता है ।

लेटेन्ट टीबी की जांच कैसे की जाती है 

तो अब कैसे पता चले की हमारे शरीर में कही टीबी का बेक्टेरिया तो नहीं बेठा है

लटेंट टीबी के लिए सामन्यतः 2 प्रकार के टेस्ट होते हैं – टीबी स्किन टेस्ट और IGRA रक्त परीक्षण 

तो यदि आपको लगता है की आपका वजन कम हो रहा है या फिर बार बार तेज बुखार आता है या फिर टीबी का कोई और लक्ष्ण नजर आ रहा है तो तुरंत अपने डॉक्टर से सम्पर्क करे और जांच कराये यह आपकी छुपी टीबी की बीमारी को समय पर आपको बीमार करने से पहले ही ठीक कर सकता है और आपको लापरवाही आपको एक्टिव टीबी का रोगी बना सकती है ।

Narendra Agarwal 

लेटेन्ट टीबी का विडियो देखे 

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