अम्बुवाची मेला 2022 कामाख्या देवी गुवाहटी कब है
मेले में किन बातो का ध्यान रखे पूरी जानकारी
माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक कामाख्या देवी मंदिर है यह मंदिर असम के गुवाहाटी में स्थित है पौराणिक गाथाओं के अनुसार यह वो
स्थान है जहाँ माता सती का योनि भाग गिरा था और यही
कारण है की इस स्थान पर देवी की योनी प्रतीक की ही पूजा की जाती है और चमत्कार या
हैरत की बात यह है की वर्ष में एक बार देवी कामाख्या मासिक धर्म के
चक्र से गुजरती हैं और देवी की इस योनी प्रतीक से रक्त का स्त्राव भी होता है और
इस मंदिर में इस घटना को एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है जिसे मेला कहा जाता है
।
अम्बुबाची मेले के
दौरान कामाख्या देवी मंदिर के दरवाज़े तीन दिनों के लिए बंद कर दिए जाते
है तीन दिन बाद देवी कामाख्या की मूर्ति को स्नान
कराया जाता है और अन्य अनुष्ठान किये जाते हैं माता के रजस्वला होने के तीन दिन
पुरे होने के बाद चौथे दिन मंदिर के पट खोले जाते है और फिर सभी भक्त देवी कामाख्या की
पूजा के कर सकते है यह स्थान पूरी दुनिया के तांत्रिको के लिए महा साधना का केंद्र
भी माना जाता है खासकर जब माता रजस्वला होती है तब सभी तांत्रिक अपनी मनोवांछित
सिद्धि प्राप्त करने के लिए यहां इस मेले में जाते है आते हैं माँ कामाख्या देवी को तंत्र शक्ति की देवी कहा जाता है ।
मानसून की शुरुआत के साथ ही कामाख्या देवी मंदिर में अम्बुबाची
मेला भरा जाता है यह देवी कामाख्या के वार्षिक मासिक धर्म आने पर एक बड़े उत्सव के
रूप में मनाया जाता है जिसमे लाखो की संख्या में लोग भाग लेते है यहाँ के लोग की मान्यता
है कि अम्बुबाची मेला स्त्रीत्व का उत्सव है तो यह
मेला हर वर्ष लगभग जून माह में आयोजित होता है चलिए इस बार यह मेला कब भरेगा यह भी
बताते है : -
अम्बुबाची मेला 2022 कब है
(When is Ambubachi
Mela in 2022?)
इस वर्ष अम्बुबाची
मेला 22 जून 2022, बुधवार से शुरू होगा जो 26 जून 2022, रविवार तक चलेगा तो 22 जून 2022, बुधवार को मंदिर के पट
बंद हो जायेगे और 26 जून 2022, रविवार को फिर से पट खोले जायेगे आप
भी इस मेले में जा सकते है यदि मेले में जाए तो कामख्या सिन्दूर और माता का प्रसाद
रक्त रंजित कपडा लेना ना भूले क्योकि यहाँ मेले के दौरान मंदिर में आने वाले भक्तो
को प्रसाद स्वरूप एक गीला कपडा दिया जाता है जिसे अम्बुवाची वस्त्र कहा जाता है
होता यूं है की देवी के रजस्वला होते समय योनी प्रतीक प्रतिमा के आस-पास सफेद
कपड़ा बिछाया जाता है और जब तीन दिन बाद मंदिर के पट खोले जाते हैं तब यह वस्त्र
माता के रज से लाल रंग से भीगा हुआ मिलता है इस चमत्कार को भी देखने के लिए लाखो
लोग आते है बाद में इसी वस्त्र को भक्तों में प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
2022 अम्बुबाची मेला में पूजा में ध्यान रखने योग्य बाते
दोस्तों इस मेले
में कामाख्या मां की पूजा से मन को अति शांति प्राप्त होती है मिलती है। यहां
कन्या पूजन करने की भी प्राचीन परंपरा है यदि आप मेले में कामाख्या मन्दिर जा रहे
है तो आपको कुछ चीजो का विशेष ध्यान रखना चाहिए अम्बूवाची के समय मंदिर के पास नदी
में स्नान नहीं करना चाहिए यहाँ आस पास की जमीन या मिट्टी नहीं खोदनी चाहिए इन
दिनों में यहां शंख और घंटी भी नहीं बजाते हैं इसका भी ध्यान रखे और मेले के दौरान
अन्न और जमीन के नीचे उगने वाली सब्जी और फलों को नहीं खाना चाहिए और हाँ इस दौरान
ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य है इस दौरान माँ कामख्या के मंत्रों का जाप करना
चाहिए।
कहते है की माता आदि
शक्ति के दर्शन भैरव के दर्शन के बिना पूर्ण नहीं होते है तो कामाख्या मंदिर के
पास ही उमानंद भैरव का मंदिर है तो आपको माता के दर्शनों के बाद उमानंद भैरव के
दर्शन करना बहुत ही जरुरी है इनके दर्शन के बिना कामाख्या देवी की यात्रा अधूरी
मानी जाती है।
कैसे पहुंच सकते हैं इस मंदिर
कामाख्या मंदिर
असम की राजधानी गुवाहाटी से 8 किलोमीटर दूर नीलांचल पर्वत पर स्थित
है। सड़क, वायु या रेलमार्ग
से गुवाहाटी पहुंचकर आसानी से कामाख्या माता मंदिर पहुंचा जा सकता है।
अम्बुवाची मेला 2022 कामाख्या देवी गुवाहटी कब है विडियो देखे
Keywords and Tags
ambubachi mela 2022
date, कामाख्या मंदिर खुला
है कि नहीं,कामाख्या मंदिर फोटो,कामाख्या मेला,कामाख्या देवी की मूर्ति,अंबुबाची मेला किस
राज्य में लगता है,कामाख्या मंदिर दर्शन समय 2022,ambubachi mela 2022 date,कामाख्या मंदिर फोटो,कामाख्या मंदिर दर्शन समय 2022,कामाख्या देवी की
मूर्ति,अंबुबाची मेला किस राज्य में लगता है,कांगरू देश कौन से
राज्य में है, कामाख्या मंदिर कब
खुलेगी?,अंबुबाची मेला कब है 2022?,कामाख्या देवी की पूजा कैसे की जाती है?,2022 में अंबुबाची मेला कब है?, 2022 अम्बुबाची मेला पूजा तारीख व समय, 2022 अम्बुबाची मेला
Post a Comment