भूत प्रेत बाधा क्या होता है || इस मंदिर में होता है भूत प्रेत ऊपरी हवा किया कराया सभी संकट सभी बाधा का नि:शुल्क इलाज

भूत प्रेत बाधा क्या होता है

इस मंदिर में होता है भूत प्रेत ऊपरी  हवा किया कराया सभी संकट सभी बाधा का नि:शुल्क इलाज

 भूत प्रेत बाधा क्या है

देखोजी आज हम 5 जी इन्टरनेट की दुनिया में साँस ले रहे है और हमने टीवी पर जितने भी चमत्कार देखे है वो किसी विडियो एडिटर और स्पेशल इफ़ेक्ट के माध्यम से बनाए हुए देखे है और ऐसे में आज के इस वैज्ञानिक युग में यदि हम किसी से भूत-प्रेत  और पारलौकिक शक्तियों के बारे में बात करे तो उसे शायद ही यकीन होगा लेकिन जो लोग इस प्रकार की प्रॉब्लम को फेस कर रहे है यदि आप उन्हें देख ले तो आपको कुछ भी बताने की आवश्कयता नहीं होगी क्योकि जब आप किसी ऐसे व्यक्ति को देखते है जो भूत  प्रेत या फिर ऊपरी हवा का शिकार हो चूका है और आप उसे ऐसी अवस्था में देख ले जब प्रेत उस पर हावी हो तो फिर आपके रोगटे खड़े हो जायेंगे क्योकि यह कोई स्पेशल इफ़ेक्ट नहीं है जिन्दगी की हकीकत है तो आज इस लेख में हम पहले बात करेगे की भूत और प्रेत बाधा क्या होती है क्यों होती है और यदि कोई व्यक्ति इस प्रकार की बाधा का शिकार हो चुका है तो उसका क्या इलाज हो सकता है तो यह आर्टिकल  बहुत ही उपयोगी जानकरी देने वाला है और इसे पूरा पढना जरुरी है क्योकि यह लेख आपके लिए कही ना कही फायदेमंद ही होगा इसे पूरा पढने में आपका कुछ जाने वाला नहीं है तो आइये शुरू करते है ।

कैसे कोई व्यक्ति भूत प्रेत बन जाता है

सबसे पहले बात करते है की भूत क्या है देखिये  हिन्दू धर्म की यह मान्यता है की यदि कोई व्यक्ति अकारण ही बेमौत मर जाता है तो उसकी सद्गति नहीं हो पाती है तो गति और कर्म के अनुसार ऐसा व्यक्ति भूत, प्रेत, पिशाच, कूष्मांडा, ब्रह्म राक्षस, वेताल और क्षेत्रपाल बनता है यानी एक ऐसा व्यक्ति जो बेमौत मारा गया हो किसी एक्सीडेंट में या फिर जिसने आत्म हत्या की हो तो उसके कर्मो के आधार पर ही वो अपनी योनी को प्राप्त करता है और अपनी आयु पूरी करने के बाद ही उसे मुक्ति मिलती है शास्त्र कहते है की कुल मिलाकर 18 प्रकार के भुत प्रेत होते हैं जब कोई व्यक्ति मरता है तो सबसे पहले भूत ही बनता है ।



लेकिन यदि कोई स्त्री कोई इस तरह से आकाल मृत्यु को प्राप्त होती है तो उसे अलग अलग नामों से जाना जाता है यदि कोई प्रसूता स्त्री या नवयुवती मरती है तो वो चुड़ैल बन जाती है कुंवारी कन्या मरती है तो उसे देवी रूप मिलता है यदि स्त्री बुरे कर्मों वाली है उसे डायन या डाकिनी कहा जाता है तो भुत प्रेत की उत्पति व्यक्ति के अपने पापों के आधार पर कर्मो  के आधार पर और अकाल मृत्यु से या श्राद्ध और मृत्यु के बाद होने वाले पूर्ण क्रिया कलाप नहीं होने पर होती है क्योकि ऐसे में उसकी आत्मा को इस लोक से मुक्ति नहीं मिल पाती है और वो एक शक्ति के रूप में विचरण करने लगता है हां यह भी हो सकता है की वो अपनी शक्तियों का सकारातमक उपयोग ले लेकिन ऐसा कम ही देखा गया है अक्सर लोग भुत बनने के बाद मिलने वाली शक्तियों को अपनी अधूरी इच्छाओ की पूर्ति के लिए ही काम में लेते है ।

 

क्यों भूत प्रेत किसी व्यक्ति के शरीर में आ जाते है

जब किसी व्यक्ति की मृत्यु अकाल होती है तो उसकी मन की कई इच्छाए अधूरी रह जाती है और उन्हें पूरा करने के लिए उसे धरती पर किसी जीवित इंसान के शरीर की आवश्यता होती है और ऐसे में जिन लोगो के गण कमजोर होते है भुत प्रेत आत्माए ऐसे शरीर को चुनती है क्योकि ऐसे शरीर पर वो आसानी से अपना कब्ज़ा कर लेती है और फिर ऐसे व्यक्ति भूत-प्रेत बाधाओं के  जादू-टोनों के शिकार हो जाते है उनका जीवन दुखमय होने लगता है भूत प्रेत बाधा ना केवल उस व्यक्ति को परेशान करीत है बल्कि ऐसे व्यक्ति का पूरा परिवार भयभीत होने लगता है ।


भूत प्रेत बाधा होने पर क्या लक्षण दिखाई देते है

प्रेत बाधा से होने पर व्‍यक्‍ति का व्‍यवहार बदलने लगता है नकरात्‍मक शक्‍तियां उस पर हावी होने लगती है कभी कभी ऐसा व्यक्ति ऐसे काम करके भी दिखता है जो किसी सामान्‍य व्यक्ति के लिए संभव नहीं होता है भूत प्रेत बाधा से पीड़ित व्यक्ति जोर जोर से चीखता-चिल्लाता है अचानक जोर जोर से रोने लगता है इधर-उधर दौड़ता रहता गर्दन घुमाता है और इतना ताकतवर हो जाता है की उसे वश में कर पाना बहुत कठिन हो जाता है उसकी वाणी में भी मधुरता समाप्त हो जाती है ऐसे व्यक्ति को या तो  भूख-प्‍यास नहीं लगती या फिर वो तीन चार लोगो का खाना अकेला ही खाने लगता है भूत प्रेत बाधा से ग्रसित व्यक्ति तेज तेज आवाज के साथ सांसें लेता है।

 

भगवान ना करे किसी व्यक्ति को ऐसी परेशानी आये लेकिन यह जनना बहुत जरुरी है की ऐसी बाधा क्यों आती है या कौन लोग इससे जल्दी ग्रसित हो सकते है


कब और कसी भूत प्रेत बाधा हो सकती है

तो देखिये जब कोई व्यक्ति दूध पीकर या किसी प्रकार की मिठाई खाकर खासकर सफेद मिठाई खाकर या इत्र लगाकर किसी सुनसान चौराहे को पार करता है तब ऊपरी हवाएं उस पर हावी हो सकती है ।  

 

भुत प्रेत ऐसी स्त्रियों पर जो की रजस्वला होती है मासिक धर्म में होती है और सुनसान रास्तो पर जाती है या चौराहे पर जाती है तो ये शक्तियाँ उन पर तुरंत हावी हो सकते है क्योंकी जब कोई स्त्री रजस्वला होती है  तब उसका चंद्र व मंगल दोनों दुर्बल होते है ये दोनों राहु व शनि के शत्रु हैं रजस्वलावस्था में स्त्री नकारत्मक शक्तियों को अपनी और आकर्षित करती है क्योकि वो खुद अशुद्ध स्थति में होती और अशुद्धता राहु की द्योतक है होती है और ऐसी स्थिति में उस स्त्री पर ऊपरी हवाओं के प्रकोप की संभावना बहुत बढ़ जाती है ।

 

भूत प्रेत बाधा से बचने के लिए क्या करे 

रविवार,मंगलवार,शनिवार और अमावशया ये दिन ऐसे है जब भुत प्रेत ज्यादा सक्रीय हो जाते है और इस प्रकार की बाधा इन दिनों में होने की संभावनाएं बढ़ जाती है ऐसे में कभी भी किसी अनजान स्थान पर और निर्जन स्थान पर मल-मूत्र त्याग ना करे यहाँ तक की थूके भी नहीं क्योकि ऐसे स्थानों पर  थूकने से भी ऐसे परेशानी आ सकती है ये क्षेत किसी भुत प्रेत विशेष के हो सकते है अतः ऐसे स्थान पर कुछ करने से पहले मन ही मन में माफ़ी जरुर मांगे ।

 

अब बात करते है की इलाज क्या है

 

तो देखिये कलयुग में हनुमान जी साक्षत जीवित देवता है जो आज भी धरती पर मौजूद है ।

 

हनुमान चालीसा में वर्णन है भुत पिशाच निकट नहीं आवे महावीर जब नाम सुनावे ।

 

तो ऐसे किसी भी स्थान पर जहाँ आपको लगता है की कुछ तो नकारात्मक है हनुमान चालीसा का पाठ करे नित्य नियम से हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी भुत प्रेत दूर ही रहते है ।

 

लेकिन प्रॉब्लम तब है जब कोई व्यक्ति शिकार हो गया है अब क्या करे

 तो देखिये ऐसे कई देव स्थान है जहाँ भुत प्रेत बाधा का निवारण किया जाता है

 इनमे से ज्यादातर स्थान हनुमान जी के मंदिर है

 राजस्थान में भुत प्रेत बाधा के निवारण के दो स्थान बहुत प्रसिद्ध है

 

पहला :- महदीपुर बालाजी धाम

 

राजस्थान के दौसा जिले में स्थित मेहंदीपुर बालाजी धाम ना केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है अब कुछ लोग कहेंगे की भाई हनुमान जी का मंदिर है तो इन्हें बालाजी क्यों कहते है चलिए यह रहस्य भी बताते है देखिये हनुमान जी महादेव शिव के रूद्र अवतार है जिन्होंने जन्म लेते ही लीलाए प्रारम्भ कर दी थी और हमुमान जी ने बहुत सारी लीलाएँ अपने बाल स्वरूप में की हैं इसलिए राजस्थान में इन्हें कई स्थानों पर बालाजी के नाम से भी पूजा जाता है जैसे मेहंदीपुर बालाजी धाम सालासर बालाजी मकरध्वज बालाजी धाम आदि श्री बालाजी महाराज के दर्शन करने मात्र से भक्तो की सभी प्रकार की मनोकामनाए पूर्ण होती है तो यहाँ मेहंदीपुर बालाजी धाम भुत प्रेत बाधा उपरी हवाओ से मुक्ति दिलाने वाला देव स्थान भी माना जाता है ।

 

दूसरा स्थान :- मकरध्वज बालाजी धाम ब्यावर अजमेर राजस्थान  

 

ऐसा ही एक स्थान है अजमेर जिले के ब्यावर शहर में जी हां ब्यावर शहर स्थित मकरध्वज बालाजी धाम भी भुत प्रेत बाधा और अन्य पारलोकिक शक्तियों का केंद्र है जहाँ साक्षात् हनुमान जी अपने पुत्र मकरध्वज और प्रेतराज सरकार के साथ में विराजमान है मकरध्वज बालाजी धाम भी एक बहुत ही चमत्कारी मंदिर माना जाता है यहाँ के महंत श्री प्रकाशनाथ जी की माने तो इस मंदिर में बहुत ही चमत्कारी प्रतिमा है जिसमे सैकड़ो वर्ष पूर्व अपने चमत्कार यहाँ दिखलाए थे और अब पुनह प्रकटय हुआ है यहाँ भी आप रोजाना भुत प्रेत की पेशी होते देख सकते है यहाँ का द्रश्य आपको विचलित कर सकते है लेकिन हनुमान जी दरबार में सभी संकटों का निवारण होता है तो यदि किसी व्यक्ति के इस प्रकार की बाधा है तो उसे यहाँ लाने पर वो पूरी तरह से ठीक हो जाता है यहाँ इलाज के लिए कुछ में पैसा नहीं लिया जाता है सब कुछ यहाँ निशुल्क ही है मकरध्वज बालाजी धाम के बारे में और अधिक जानने के लिए आप हमारी वेबसाइट पर इस धाम का लेख भी पढ़ सकते है

 

मकरध्वज बालाजी धाम के बारे में अधिक जानने के लिए क्लिक करे

 

तो दोस्तों यह जानकरी आपको कैसी लगी कमेंट करके हमें जरुर बताये इस लेख को यहाँ तक पढने के लिए धन्यवाद जय श्री राम जय हनुमान ।

Narendra Agarwal 

भुत प्रेत बाधा निवारण कैसे कहा विडियो देखे


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